THE BEST SIDE OF असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा

The best Side of असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा

The best Side of असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा

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कई औषधियां मिलाकर तरल पारे का बंधन करने के बाद बनता है पारद शिवलिंग

इस शिवलिंग का घर में रखना अत्यधिक सुबह होता है। परन्तु इसे सही दिशा में रखना चाहिए। पारद शिवलिंग के रखने के महत्वपूर्ण नियम होते हैं।

वरील पद्धतीने रोजची पूजा करू शकता पण पहिल्या दिवशी स्थापन करताना जो पहिला अभिषेक असेल तेव्हा पंचामृताने अभिषेख करावा नंतर ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं किंवा नमः शिवाय ने १०८ बेल शिव पिंडीवर अर्पित करावा त्यावर प्रत्येक वेळी बेलावर चंदन लावून हा अर्पण करावा थोडा वेळ लागला तरी चालेल. 

मणेः कोटिगुणं बाणो बालाल्कोटिगुणं रसः।

- गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है।

मेषवृषभमिथुनकर्कसिंहकन्यातुलावृश्चिकधनुमकरकुंभमीन ज्योतिष

करोड़ों शिवलिगों की पूजा से जो फल प्राप्त होता है। उससे भी करोड़ गुणा फल पारद शिवलिंग पूजा से मिलता है। माना जाता है इस शिवलिंग को छुने मात्र से मुक्ति प्राप्त होती है। गौहत्या का पाप भी दूर होता है।

हिन्दू धर्म में शिव की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। शिव जी का पूजन करना शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में शिव जी के स्वरूप शिवलिंग की पूजा की जाती है। कहा जाता है जो भी शिवलिंग की पूजा करता है। उस पर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है। शिवलिंग की पूजा में सबसे महत्वपूर्ण होता है पारद शिवलिंग। पारद शिवलिंग की पूजा करना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।

प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई ग्रंथों में मिलता है। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी तरह के तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और जातक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का कवच बना रहता है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की read more स्वयं महाकाल और महाकाली रक्षा करती हैं।

एकाग्रता के बिना की गई पूजा नहीं होती है सफल, निस्वार्थ भाव से करना चाहिए भगवान का ध्यान

शिवलिंग पर संध्या के समय जल चढ़ाया जा सकता है। शाम के समय जल चढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है व्यक्ति अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर सुबह और शाम दोनों ही स

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पारद शिवलिंग की पूजा पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पूजन करना चाहिए।

भांग, धतूरा और बेलपत्र शिवलिंग पर अवश्य चढ़ाएं यह शिव को प्रिय है।

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